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यूरिन इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for UTI in Hindi

मूत्र मार्ग में होने वाले संक्रमण को यूरिन इन्फेक्शन यानी यूटीआई कहते हैं। इसमें किडनी, मूत्राशय, गर्भाशय और मूत्रमार्ग शामिल होते हैं। यह आम संक्रमण है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार तो यूरिन इन्फेक्शन होता ही है और पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह ज्यादा होता है (1)।

स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम यूरिन इन्फेक्शन के कारण और उसके इलाज के बारे में बात करेंगे। साथ ही हम यह भी बताएंगे कि आप घरेलू नुस्खों की मदद से यूरिन इन्फेक्शन का इलाज कैसे करते हैं।

यूरिन इन्फेक्शन होने के कारण – Causes of UTI in Hindi 

जब ई.कॉली नामक बैक्टीरिया आपके मूत्रमार्ग में प्रवेश कर जाता है, तो उससे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है। कई बार यह उम्र के साथ भी होता है। मूत्र इन्फेक्शन के कारण पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग हो सकते हैं। यहां हम कुछ सामान्य कारणों के बारे में बता रहे हैं (2)।

  • महिलाओ में रजोनिवृत्ति (मीनोपॉज) के दौरान भी मूत्र संक्रमण हो सकता है।
  • गर्भनिरोधक के प्रयोग से भी यूरिन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
  • पथरी या प्रोस्टेट का बढ़ना भी यूरिन इन्फेक्शन के कारण में शामिल है।
  • अगर आपको मधुमेह की समस्या है, तो आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है।
  • यूरिन कैथिटर का ज्यादा उपयोग भी यूरिन इन्फेक्शन के कारण में शामिल है।
  • अगर आपको पहले यह समस्या रही है, तो इसके फिर से होने की आशंका रहती है।

लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं।

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण – Symptoms of UTI in Hindi 

यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ लक्षण एक जैसे होते हैं। आइए जानते हैं कि किन सामान्य लक्षणों से आप पता लगा सकते है कि आप यूरिन इन्फेक्शन से संक्रमित हैं (3)।

  • पेशाब करते समय जलन या दर्द होना यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण में आ सकता है।
  • पेशाब करने के तुरंत बाद फिर से पेशाब करने की तीव्रता होना मूत्र संक्रमण के लक्षण में आ सकता है।
  • बार-बार पेशाब आना और हर बार थोड़ा-सा ही होने का मतलब यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है।
  • निचले पेट या पेल्विस पर दबाव महसूस होना भी यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण में आ सकता है।
  • मूत्र से बहुत बदबू आना या उसका रंग सामान्य से अलग होना यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो सकता है।
  • हर समय थकान लगना और निचली पीठ में दर्द होना भी किडनी संक्रमण हो सकता है।

आगे हम आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के घरेलू उपाय बता रहे हैं। 

यूरिन इन्फेक्शन कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For UTI in Hindi 

नीचे दिए गए घरेलू उपायों को प्रयोग में लाने से आपको यूरिन इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है।

1. करोंदे (क्रेनबेरी) का जूस

1. करोंदे (क्रेनबेरी) का जूस

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सामग्री:
  • 100 ग्राम क्रैनबेरी
  • एक कप पानी
  • एक चम्मच शहद
विधि:
  • करोंदों को अच्छी तरह से धो लें।
  • एक पैन में एक कप पानी उबालें।
  • अब पानी में धुले हुए करोंदें डाल दें और मध्यम आंच पर 10-15 मिनट के लिए ढक कर उबलने दें।
  • अच्छी तरह उबलने के बाद करोंदों को एक छन्नी में डालकर चम्मच से धीरे-धीरे दबाकर उनका रस निकालें।
  • अच्छी तरह ठंडा हो जाने के बाद जूस को एक गिलास में डालकर शहद मिला कर पिएं।
कैसे काम करता है:

क्रेनबेरी जूस का नियमित सेवन करने से आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से राहत मिल सकती है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड यूरिन इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को संक्रमण फैलाने से रोकते हैं (4)।

2. पानी

2. पानी

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रोज कम से कम आठ गिलास पानी पीने से आप यूरिन इन्फेक्शन से बच सकते हैं। अगर आपको पहले से ही यह समस्या है, तो हर घंटे कम से कम एक गिलास पानी पिएं। आप इसमें चुटकी भर नमक भी मिला सकते हैं। इससे आपके शरीर में उस नमक की पूर्ति होगी जो मूत्र संक्रमण के कारण आपके शरीर से निकल रहा है।

कैसे काम करता है:

ज्यादा पानी पीने से आपको पेशाब ज्यादा आएगा और पेशाब के सहारे यूरिन इन्फेक्शन के बैक्टीरिया धीरे-धीरे आपके शरीर से निकल जाएंगे (5)।

3. सेब का सिरका

सामग्री:
  • दो चम्मच सेब का सिरका
  • एक चम्मच शहद
  • आधे नींबू का रस
  • एक कप पानी
विधि:
  • एक कप पानी में सेब का सिरका, शहद और नींबू का रस मिला कर पिएं।
  • यूरिन इन्फेक्शन के इलाज के लिए आप दिन में तीन बार इस मिश्रण को पी सकते हैं।
कैसे काम करता है:

सेब के सिरके में पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। साथ ही यह संक्रमण से लड़ने के लिए प्राकृतिक एंटी-बायोटिक की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एसिटिक एसिड बैक्टीरिया को मारता है और संक्रमण से राहत दिलाता है (4)।

4. बेकिंग सोडा

4. बेकिंग सोडा

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सामग्री:
  • एक चम्मच बेकिंग सोडा
  • एक गिलास पानी
विधि
  • एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिला कर पिएं। इस घोल को दिन में चार बार पिएं।
कैसे काम करता है:

बेकिंग सोडा पेशाब में एसिड की मात्रा को कम करके दर्द से राहत दिला सकता है (4)। साथ ही यह बार-बार, तीव्रता से और रात को ज्यादा पेशाब आने की समस्या से भी राहत दिला सकता है (6)।

5. टी ट्री ऑयल 

सामग्री:
  • टी ट्री ऑयल की 10 बूंदें
  • गरम पानी से भरा बाथ टब
  • एक चौथाई कप चंदन तेल
विधि:
  • बाथ-टब में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें डालकर उसमें कुछ देर बैठें।
  • चंदन के तेल में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर मूत्राशय के पास वाली जगह पर ऊपर से मालिश करें।
कैसे काम करता है:

टी ट्री ऑयल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया से लड़ते हैं। इससे रोज मसाज करने से यूरिन इन्फेक्शन के दर्द से आराम मिल सकता है (4)।

6. ब्लूबेरी जूस

 6. ब्लूबेरी जूस

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सामग्री:
  • 100 ग्राम ब्लूबेरी
  • आधा नींबू का रस
  • एक कप पानी
विधि:
  • ब्लूबेरी को अच्छी तरह से धोकर मिक्सर में डालकर पीस लें।
  • पीसते समय इसमें एक कप पानी मिला सकते हैं।
  • अच्छी तरह पिस जाने के बाद इसे एक छन्नी में डालें और गूदे को दबा-दबा कर रस निकालें।
  • गिलास भर जाने पर इसमें नींबू का रस मिला कर पिएं।
  • आप चाहें तो इसे रोज सुबह सीरिअल में मिला कर भी खा सकती हैं।
कैसे काम करता है:

ब्लूबेरी में बैक्टीरियोस्टेटिक गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही, इसमें मौजूद विटामिन-सी पेशाब के सहारे बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकाल सकता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। जल्द राहत के लिए दिन में दो बार ब्लूबेरी जूस को पिया जा सकता है (4)।

7. विटामिन-सी

7. विटामिन-सी

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सामग्री:
  • विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे मौसंबी, नारंगी, ब्रोकली, बेल पेपर, फूलगोभी, पालक व टमाटर आदि
विधि:

विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें।

कैसे काम करता है:

विटामिन-सी पेशाब के सहारे बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालता है। यह पेशाब को एसिडीफाई करके उसमें बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। यूरिन इन्फेक्शन में हर घंटे दो ग्राम विटामिन-सी का सेवन करने की सलाह दी जाती है (4)।

8. अनानास 

सामग्री:
  • एक कप अनानास
विधि:
  • अनानास को मिक्सर में डाल कर अच्छी तरह पीसकर उसका गूदा बना लें।
  • अब गूदे को छन्नी में डालकर चम्मच से दबा-दबा कर उसका जूस निकाल लें।
  • जूस को गिलास में डाल कर उसका सेवन करें।
  • आप चाहें तो एक कप अनानास को साबुत भी खा सकते हैं।
कैसे काम करता है:

अनानास में मौजूद ब्रोमलेन एंजाइम इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण को बढ़ाता है, जो यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करता है (4)।

9. ग्रीन टी

9. ग्रीन टी

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सामग्री:
  • एक कप गरम पानी
  • एक ग्रीन टी बैग
  • एक चम्मच शहद
विधि:
  • एक कप गरम पानी में थोड़ी देर के लिए एक ग्रीन टी बैग डाल दें।
  • फिर बैग को कप से निकाल लें।
  • अब इसमें एक चम्मच शहद मिला कर इसका सेवन करें।
कैसे काम करता है:

वैज्ञानिक शोध के अनुसार ग्रीन टी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इस क्षमता के कारण ही ग्रीन टी बैक्टीरिया को मारने में कारगर साबित हो सकती है। ग्रीन टी न सिर्फ यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करती है, बल्कि उसे पैदा होने से भी रोकती है (7)।

10. नींबू का रस 

सामग्री:
  • एक कप गुनगुना पानी
  • आधे नींबू का रस
विधि:
  • एक कप गुनगुने पानी में नींबू का रस मिला कर रोज सुबह खाली पेट पिएं।
कैसे काम करता है:

नींबू में भी एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। नींबू संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को जड़ से खत्म करने का काम करता है। इस कारण से नींबू यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करने में मदद कर सकता है (8)।

11. नारियल का तेल

11. नारियल का तेल

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सामग्री:
  • दो से तीन चम्मच नारियल का तेल
विधि:
  • अपने आहार में दो से तीन चम्मच नारियल के तेल को शामिल करें।
कैसे काम करता है:

नारियल के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है (9)। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ओमेगा 3-फैटी एसिड में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का इलाज करने में सहायक हो सकते हैं (10)।

12. लसहुन

12. लसहुन

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सामग्री:
  • लसहुन की दो कलियां
  • आधा चम्मच ओलिव ऑइल
विधि:
  • लहसुन छिल लें और उन्हें कद्दूकस कर लें।
  • लसहुन में ओलिव ऑयल मिला कर, उसका सेवन करें।
कैसे काम करता है:

लसहुन में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो रही जलन और दर्द कम कर सकते हैं। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यह बार-बार पेशाब आने की समस्या से आराम दिलाने में भी मदद करता है। लसहुन की मदद से बार-बार होने वाला मूत्र संक्रमण भी ठीक किया जा सकता है। यह बार-बार और तीव्रता से पेशाब आना व दर्द से आराम दिलवा सकता है (4)।

13. दही

13. दही

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सामग्री:
  • 1 कप दही
विधि:
  • रोज भोजन के बाद एक कप दही खाएं।
कैसे काम करता है:

दही में प्रोबायोटिक्स तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को मूत्र संक्रमण के खतरे से बचाता है (1)।

14. पार्सले चाय

14. पार्सले चाय

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सामग्री:
  • पार्सले (अजमोद) चाय के दो गुच्छे
  • चार कप पानी
विधि:
  • पार्सले चाय की पत्तियों को बारीक-बारीक काट लें।
  • अब पानी को उबलने के लिए रखें और उबाला आ जाने पर इसमें कटी हुई पत्तियां मिला दें।
  • पत्तियों को 15 मिनट तक उबालें।
  • उबल जाने के बाद पानी को एक कप में छान लें और उसे पिएं।
  • जब तक यूरिन इन्फेक्शन का इलाज पूरी तरह से न हो जाए, इसे रोज दिन में दो बार पिएं।
कैसे काम करता है:

पार्सले चाय में मूत्रवर्धक प्रभाव होता है, जिससे यूरिन इन्फेक्शन के बैक्टीरिया मूत्र के जरिए निकलने लगते हैं।  साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो रही जलन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (11)।

15. गोल्डनसील

15. गोल्डनसील

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सामग्री:
  • गोल्डनसील के कैप्सूल या रस
विधि:
  • ये कैप्सूल आपको किसी भी दवाई की दुकान पर मिल जाएंगे। इसे अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।
कैसे काम करता है:

गोल्डनसील हमारे शरीर में बिल्कुल क्रैनबेरी की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण और बेरबेरीन नामक केमिकल बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग की दीवारों पर चिपकने से रोकते हैं और चिपके हुए बैक्टीरिया को हटाते हैं (12) (13)।

16. उवा उर्सी

16. उवा उर्सी

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सामग्री:
  • उवा उर्सी की सूखी हुई पत्तियां
  • चाय
विधि:
  • उवा उर्सी की सूखी हुई पत्तियों को रात भर के लिए पानी में भिगो दें।
  • अगली सुबह चाय बनाते समय इसे चाय पत्ती के साथ चाय में डाल सकते हैं।
कैसे काम करता है:

उवा उर्सी एक औषधीय पौधा है, जिसे पुराने समय से मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इस में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं (4)।

17. डी’मेनोस (D’Mannose) 

यह एक प्रकार की शक्कर होती है, जो बिल्कुल क्रेनबेरी की तरह ई.कोली (यूरिन इन्फेक्शन फैलाने वाला बैक्टीरिया) से चिपक जाता है और पेशाब के जरिए बैक्टीरिया को बाहर निकाल देता है। यह मूत्र संक्रमण के इलाज के लिए एंटी-बायोटिक के रूप में काम करता है (14)। आप इसे कैप्सूल के रूप में किसी भी दवाई की दुकान से अपने डॉक्टर के निर्देशनुसार ले सकते हैं।

18. पिको-सिल्वर सॉल्यूशन 

पिको-सिल्वर सॉल्यूशन, 99 प्रतिशत शुद्ध चांदी के तत्वों से बनी हुई एक दवा है, जो बाजार में इसी नाम से उपलब्ध है। चांदी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण के बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं (15)।

19. आंवला

19. आंवला

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सामग्री:
  • 100 ग्राम आंवला
  • एक चुटकी काला नमक
विधि:
  • आंवला के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और मिक्सर में अच्छी से पीस लें।
  • अच्छी तरह गूदा बन जाने के बाद छन्नी में निकालकर चम्मच की मदद से दबा कर रस निकाल लें।
  • रस को गिलास में डालकर एक चुटकी नमक डाल कर पिएं।
कैसे काम करता है:

आंवला को विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माना गया है (16)। विटामिन-सी में मौजूद एंजाइम संक्रमण से लड़ते हैं और मूत्र संक्रमण के कारण टिशू को हो रहे नुकसान से निजात दिलाने में मदद करते हैं (4)।

20. लौंग का तेल

20. लौंग का तेल

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सामग्री:
  • एक छोटा चम्मच साबुत लौंग
  • एक बड़ा चम्मच ओलिव ऑयल
  • ऑरेगैनो ऑयल की पांच बूंदें
  • एसेंशियल ऑयल की 10 बूंदें
विधि:
  • एक ओखल और मूसल की मदद से लौंग को एकदम कूटकर पाउडर बना लें।
  • अब लौंग के इस पाउडर में एक चम्मच ओलिव ऑयल मिला दें।
  • फिर इस तेल को बोतल में डालकर उसमें ऑरेगैनो ऑयल और एसेंशियल ऑयल (myrrh oil) मिला लें।
  • रात को सोने से पहले इस मिश्रण से अपने तलवों पर मसाज करें।
  • मसाज करने के बाद मोजे पहन कर सो जाएं।
कैसे काम करता है: 

लौंग के तेल में एंटीमाइक्रोबियल, एनाल्जेसिक एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं। यह यूरिन इन्फेक्शन का इलाज करने में बहुत सहायक हो सकता है। यह मूत्र संक्रमण के कारण हो रहे जलन और सूजन से आराम दिलाता है (4)।

लेख के अगले भाग में हम मूत्र संक्रमण के कारण होने वाली जटिलताओं के बारे में बात करेंगे।

यूरिन इन्फेक्शन के जोखिम और जटिलताएं – UTI Risks & Complications in Hindi

आइए, अब हम ये जानते हैं कि मूत्र संक्रमण से भविष्य में क्या-क्या जटिलताएं आ सकती है (17):

  • यूरिन इन्फेक्शन से आपको भविष्य में सेप्सिस (जानलेवा रक्त संक्रमण) भी हो सकता है। यह जवान, बूढ़े और उन लोगों को होने की ज्यादा आशंका रहती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारण से खत्म हो गई हो जैसे – एचआईवी ग्रस्त मरीज।
  • किडनी संक्रमण
  • किडनी का पूरी तरह से खराब हो जाना 

यूरिन इन्फेक्शन से बचने के उपाय – Prevention Tips for UTI in Hindi 

नीचे बताये गए उपायों से आप यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से बच सकते हैं (18) :

  • भरपूर मात्रा में पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें। इससे पेशाब के साथ संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया भी निकल जाएंगे।
  • कभी भी पेशाब को न रोकें।
  • लड़कियां और महिलाएं मलद्वार व योनी के आसपास के क्षेत्र को हमेशा साफ रखें, ताकि वहां बैक्टीरिया न पनपन सकें।
  • शारीरिक संबंध बनाने के तुरंत बाद पेशाब करने जाएं। इससे संभोग के दौरान आपके शरीर में प्रवेश हुए बैक्टीरिया तुरंत निकल जाएंगे।
  • कुछ महिलाएं डायाफ्राम या स्पर्मिसाइड (diaphragm or spermicide) जैसे गर्भनिरोधक का उपयोग करती हैं। कई बार इनके उपयोग से बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जिन्हें मूत्र इन्फेक्शन के कारण में गिना जा सकता है। इसके अलावा, चिकनाई रहित कंडोम (Unlubricated condoms) के उपयोग से भी जलन और यूटीआई का जोखिम बढ़ सकता है।
  • सूती अंडरवियर और ढीले-ढाले कपड़े पहनें, ताकि आप असहज महसूस न हो। ज्यादा तंग या टाइट कपड़े या नायलॉन के अंडरवियर न पहनें, क्योंकि इससे आपके गुप्तांगों में पसीना और मॉइस्चर देर तक बना रहेगा, जिस कारण बैक्टीरिया के पनपने का खतरा बढ़ सकता है।
  • गुप्तांगों पर किसी भी प्रकार का केमिकल उत्पाद का प्रयोग न करें (19)।

मूत्र संक्रमण के लक्षण से इस समस्या को पकड़ना बहुत आसान है। याद रखें कि इन नुस्खों के अलावा, अपने चिकित्सक से भी परामर्श करें और कोई भी दवा बिना पूछे न लें। अगर आपको दो-तीन दिन या उससे ज्यादा समय से अलग रंग का या ज्यादा बदबूदार पेशाब आ रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श करने में जरा भी देर न करें। यूरिन इन्फेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। ध्यान रहे सावधानी ही इस समस्या से बचने का सबसे बेहतर तरीका है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन कितना आम है?

दुनिया में 50 से 60 प्रतिशत महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन होता है। गर्भवती महिलाओं में यह एनीमिया के बाद होने वाली दूसरी सबसे आम समस्या है। यह समस्या महिलाओं के मुकाबले यह पुरुषों को कम होती है (20)।

यूरिनरी ट्रैक्ट 3इन्फेक्शन के दौरान कौन-से पदार्थ खाने से बचें?

यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के बैक्टीरिया शक्कर पर पलते हैं और जिन्हें मधुमेह होता है, उन्हें यूरिन इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए, ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, जो आपके शरीर में शक्कर की मात्रा बढ़ाने का काम करते हैं (21)। साथ ही चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय का सेवन करने से भी बचें (22)।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन किडनी संक्रमण में परिवर्तित कब होता है?

जब मूत्र संक्रमण के कारण ई.कॉली बैक्टीरिया किडनी तक पहुंच जाता है, तो वह किडनी संक्रमण का रूप ले लेता है। अगर यूरिन संक्रमण का समय से इलाज न करवाया गया, तो वह किडनी संक्रमण में परिवर्तित हो जाता है। किडनी इन्फेक्शन में बुखार आम है और यह उसे यूरिन इन्फेक्शन से अलग करता है (23)।

यूटीआई को पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगता है?

सामान्य यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन में एंटी-बायोटिक्स लेने से महिलाओं को तीन दिन और पुरुषों को 7 से 14 दिन में आराम मिल सकता है। अगर आप गर्भवती हैं या आपको मधुमेह है, तो आपको 7 से 14 दिन तक एंटी-बायोटिक्स की खुराक लेनी पड़ सकती है (17)।

क्या टाइट पैंट पहनने से यूटीआई हो सकता है ?

टाइट पैंट पहनने से आपके प्राइवेट पार्ट में नमी आ जाती है, जिससे बैक्टीरिया पनपने का उपयुक्त वातावरण बन जाता है। इसलिए, ढीले सूती अंडरवियर के साथ ढीले पैंट पहनने की सलाह दी जाती है, खासकर तब जब आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित हों। कुछ चिकित्सक उबलते पानी में अंडरवियर धोने की सलाह देते हैं (24)।

क्या सोडा यूटीआई का कारण बन सकता है?

हां, सोडा यूटीआई का कारण बन सकता है। अधिकांश सोडे में चीनी, कैफीन या कृत्रिम मिठास होती है, जिस कारण सोडा मूत्रमार्ग और मूत्राशय में जलन का कारण बन सकता है। इसलिए, यूरिन इन्फेक्शन के समय सोडा का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (22)।

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